जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
No matter one’s social standing or authority, By reciting this, they achieve purity and victory. Even those who are childless and yearning for wants, Will definitely receive blessings through the grace of Lord Shiva.
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कठिन more info भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।